“चाहे कितनी भी कठिनाइयाँ आएं राह में,
हम तो खुदा की एक बूँद हैं, जलप्रलय बनकर आएंगे।
हौंसले से भर लेंगे हर तूफान को,
हम ठहरे नहीं, अब तो हर दीवार को ढहाएंगे।”
“चाहे कितनी भी कठिनाइयाँ आएं राह में,
हम तो खुदा की एक बूँद हैं, जलप्रलय बनकर आएंगे।
हौंसले से भर लेंगे हर तूफान को,
हम ठहरे नहीं, अब तो हर दीवार को ढहाएंगे।”